अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस: पीएम मोदी ने कहा- नशा अपने साथ अंधकार, विनाश और तबाही लेकर आता है, नशा मुक्त भारत के हमारे सपने को साकार करें

न्यूज़ डेस्क। नशा, समग्र जीवन के नाश का मूल है। यह न सिर्फ शरीर को खोखला कर देता है बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा और छवि को भी धूमिल कर देता है। अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा है कि नशा अपने साथ अंधकार विनाश और तबाही लेकर आता है। इसका जिक्र उन्होंने देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही किया था। पीएम मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के तीसरे एपिसोड, जो कि दिसंबर 2014 में प्रसारित हुआ था, में कहा था “मैं जानता हूँ ड्रग्स तीन बातों को लाता है और ये बुराइयों वाला थ्री डी है। पहला डी- डार्कनेस, दूसरा डी- डिस्ट्रक्सन और तीसरा डी डिवैस्टेसन। उन्होंने कहा था कि नशा नशा अंधेरी गली में ले जाता है, विनाश के मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है और बर्बादी का मंजर इसके सिवाय नशे में कुछ नहीं होता है। नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर उन्होंने उन सभी लोगों की सराहना की है जो जो हमारे समाज से नशीले पदार्थों के खतरे को खत्म करने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।

पीएम मोदी का नशा मुक्त भारत का सपना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुरू से ही देश को नशा मुक्त करने का सपना रहा है। तभी तो उन्होंने केंद्र की सत्ता संभालते ही नशा मुक्ति के खिलाफ राष्ट्रव्यापी मुहिम की शुरुआत की। उन्होंने नशा को एक सामाजिक बुराई बताते हुए इससे समग्रता में निपटने की जरूरत पर बल दिया। पीएम मोदी का कहना है कि नशा एक मानसिक, सामाजिक और चिकित्सकीय समस्या है। इसके उपचार के लिए परिवार, दोस्त, समाज, सरकार और कानून को साथ मिलकर एक दिशा में काम करना होगा। उन्होंने नशा से मुक्ति पाने के लिए सोशल मीडिया से भी ठोस पहल करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम है और उसके जरिए इस बुराई से निपटने में आसानी होगी इसलिए इस मीडिया को नशा मुक्त भारत के लिए आंदोलन चलाना चाहिए।

ड्रग्स के पैसे से मजबूत होता आतंकवाद : मन की बात

ड्रग और ड्रग के दुष्चक्र में फंसे युवाओं और उसके दुष्परिणाम के बारे में पीएम मोदी ने मन की बात में कहा था “क्या कभी आपने सोचा है कि जिन पैसों से आप ड्रग्स खरीदते हो वो पैसे कहां जाते हैं? कल्पना कीजिये! यही ड्रग्स के पैसे अगर आतंकवादियों के पास जाते होंगे! इन्हीं पैसों से आतंकवादी शस्त्र खरीदते होंगे! और उन्हीं शस्त्रों से कोई आतंकवादी मेरे देश के जवान के सीने में गोलियां दाग देता होगा! मेरे देश का जवान शहीद हो जाता होगा! तो क्या कभी सोचा है आपने? देश के लिए जीने-मरने वाले, सैनिक के सीने में गोली लगी है, कहीं ऐसा तो नहीं है न? उस गोली में कहीं न कहीं तुम्हारी नशे की आदत का पैसा भी है, एक बार सोचिये और जब आप इस बात को सोचेंगे, मैं विश्वास से कहता हूँ, आप भी तो देश के सैनिकों को सम्मान करते हैं, तो फिर आप आतंकवादियों को मदद करने वाले, ड्रग-माफिया को मदद करने वाले, इस कारोबार को मदद कैसे कर सकते हैं। “

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