Karnataka Exit Polls 2023: तो क्या कर्नाटक में बरकरार रहेगा 38 साल पुराना ट्रेंड? या होगी त्रिशंकु विधानसभा? एग्जिट पोल में चौंका रहे आंकड़े

न्यूज़ डेस्क। कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हो चुका है। सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है। प्रदेश में मुख्य रूप से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। जहां बीजेपी कर्नाटक में सत्ता विरोधी लहर को मात देने की उम्मीद कर रही है, वहीं कांग्रेस दक्षिणी राज्य में वापसी करने की उम्मीद कर रही है। 13 मई को चुनाव के नतीजे घोषित होंगे। लेकिन उससे पहले आज एग्जिट पोल्स के जरिए परिणामों की एक झलक बताने की कोशिश की गई है। ऐसे में आइए जानते हैं कर्नाटक में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है।

एबीपी-सी न्यूज वोटर ने कर्नाटक में बीजेपी को 83-95 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। कांग्रेस को 100-112 सीटें मिल सकती हैं। जबकि जेडीएस के खाते में 21-29 सीटें जा सकती हैं। अन्य को 2 से 6 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। रिपब्लिक टीवी ने अपने पोल में बीजेपी को 80 से 100 सीटें दिए हैं। कांग्रेस के खाते में 94-108 सीटें जा सकती हैं। जेडीएस को 24-32 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। जबकि अन्य के खाते में 2 से 6 सीटें जा सकती हैं। टाइम्स नाउ ने बीजेपी को 85 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। कांग्रेस को 113 सीटें मिल सकती हैं। जबकि जेडीएस को 23 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है। अन्य को 3 सीटें मिल सकते हैं। आजतक एक्सिस ने कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत दी है। आजतक एक्सिस के अनुसार कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस को 122 से 140 सीटें मिल सकती है। वहीं बीजेपी को 62 से 8- सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। जेडीएस को 20-25 सीटे मिलने का अनुमान जताया गया है। वहीं, जी न्यूज का एग्जिट पोल बता रहा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 103-118, बीजेपी को 79-94, जेडीएस को 25-33 जबकि अन्य को 02-05 सीटें मिलने का अनुमान है। न्यूज 24 चाणक्य के अनुसार बीजेपी को 92, कांग्रेस को 120 और जेडीएस के खाते में 12 सीटें जा सकती है।

2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। परिणामों के बाद, भाजपा को 224 के सदन में 104 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सरकार बनाने के लिए बुलाया गया। हालांकि, कांग्रेस और जद (एस) एक साथ आ गए, जिससे दोनों को मिलाकर संख्या 116 हो गई। जिसमें कांग्रेस 76, जद-एस 37 विधायक थे। लेकिन एक साल के भीतर, बाजी पलट गई। कांग्रेस-जद (एस) ने अपने 17 विधायकों को खो दिया, जिन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। बागी विधायक मुंबई के एक रिसॉर्ट में होने के बाद बीजेपी के पाले में चले गए। कर्नाटक बीजेपी के दिग्गज बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने, लेकिन 26 जुलाई, 2021 को इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह बसवराज बोम्मई को बीजेपी ने राज्य का मुख्यमंत्री बनाया। बोम्मई भी येदियुरप्पा की तरह लिंगायत समुदाय से हैं।

छह राष्ट्रीय टेलीविजन चैनलों और एक क्षेत्रीय चैनल द्वारा प्रसारित आठ प्रमुख एग्जिट पोल में से छह ने भविष्यवाणी की कि भाजपा को नई विधानसभा में सबसे अधिक सीटें मिलेंगी। लेकिन इनमें से सात ने त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की, जिसमें न तो भाजपा और न ही कांग्रेस को 112 सीटों के साधारण बहुमत के निशान तक पहुंचने में मदद मिली। इन सभी चुनावों ने सुझाव दिया कि जेडी (एस) किंगमेकर होगा, पार्टी को 20 से 40 सीटों के बीच मिलने की भविष्यवाणी की गई थी। एबीपी-सी वोटर, न्यूजएक्स-सीएनएक्स, रिपब्लिक-जन की बात और न्यूज नेशन एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की थी कि बीजेपी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होगी। इसी तरह की भविष्यवाणी क्षेत्रीय दिग्विजय-विजयवानी सर्वेक्षण द्वारा की गई थी। टाइम्स नाउ ने दो एग्जिट पोल प्रसारित किए। वन, टाइम्स नाउ-वीएमआर, ने कांग्रेस को मामूली सी बढ़त दी; दूसरे, टाइम्स नाउ-टुडेज चाणक्य ने बीजेपी को स्पष्ट बहुमत दिया. इंडिया टुडे-एक्सिस एग्जिट पोल ने कहा कि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी होगी। एबीपी-सी वोटर सर्वे ने बीजेपी के लिए 104-116 सीटों, कांग्रेस के लिए 83-94 और जेडी (एस) के लिए 20-29 सीटों की भविष्यवाणी की थी। न्यूजएक्स-सीएनएक्स ने बीजेपी को 102-110, कांग्रेस को 72-78, जेडी (एस) को 35-39 और अन्य को 3-5 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है। रिपब्लिक-जन की बात पोल में कहा गया है कि बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78, जेडी(एस) को 37 और अन्य को 3 सीटें मिलेंगी।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए काफी कुछ दांव पर लगा हुआ है, वहीं कांग्रेस के लिए भी बहुत कुछ दांव पर है। इस दक्षिणी राज्य में जीत से कांग्रेस को जहां आगामी विधानसभा चुनावों के लिए ‘संजीवनी’ मिलेगी और केंद्रीय स्तर पर उसकी स्थिति मजबूत होगी वहीं भाजपा के लिए यहां की जीत दक्षिण में पैर पसारने की उसकी उम्मीदों को पंख देगा तथा 2024 से पहले फिर से उसे मजबूत स्थिति में ला खड़ा करेगा।

सोर्स :- इंटरनेट-न्यूज़ चैनल्स

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