चक दे इंडिया…टोक्यों में भारत ने रचा इतिहास, हॉकी में 41 साल बाद जीता ब्रॉन्ज मेडल, जर्मनी को 5-4 से हराया

खेल डेस्क। टोक्यो ओलंपिक के 14वें दिन यानी गुरुवार (5 अगस्त) को भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए जर्मनी को करारी शिकस्त देकर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा कर लिया। टीम इंडिया की इस मुकाबले में भले ही खराब शुरुआत रही हो, लेकिन दूसरे हॉफ में लगातार गोल दागकर भारत ने जर्मनी पर दबाव बना दिया और यह मैच 5-4 से अपने नाम कर लिया।

इस दमदार जीत के साथ भारत ने अपने चार दशक का सूखा खत्म कर देश को गौरवान्वित कर दिया है। भारतीय टीम ने जबरदस्त वापसी करते हुए महज 2 मिनट में मैच को 5-3 की बढ़त पर ला दिया।

शुरुआत में जर्मनी ने भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाया। जर्मनी के खिलाफ भारतीय टीम के हरमनप्रीत सिंह ने पेनाल्टी कॉर्नर से गोल किया, जिसके चलते भारत ने स्कोर को बराबरी पर ला दिया।

दूसरे हाफ का खेल शुरू होने के बाद दोनों टीमें एक दूसरे पर शिकंजा कसने के लिए गोल दागने की पूरी कोशिश की, जिससे यह मुकाबला और भी रोमांचक हो गया। इसके बाद रुपिंदर ने पेनाल्टी कॉर्नर लेते हुए भारत की ओर से मैच में चौथा गोल दागा, जिसके बाद भारत मैच में 4-3 से बढ़त बनाने में कामयाब रहा। इसी तरह भारत ने अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए जर्मनी के खिलाफ पाँचवा गोल दागकर उस पर पूरी तरह से शिकंजा कसने में सफल रहा। यह दमखम सिमरनजीत सिंह ने दिखाया।

दूसरे हाफ में यह मैच इतना रोमांचक हो जाएगा, शायद ही किसी ने सोचा होगा। भारत का गजब का प्रदर्शन काबिलेतारीफ रहा। भारत ने न सिर्फ लगातार गोल किए, बल्कि जर्मनी के खिलाड़ियों को नाको चने चबा दिया। यही कारण है कि जर्मनी की टीम दूसरे हाफ में बेहद दबाव में नजर आई।

गौरतलब है कि टीम इंडिया 49 वर्ष (1972 ओलंपिक) बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुँची थी। टोक्यो ओलंपिक में शानदार खेल दिखा रही भारतीय पुरुष हॉकी टीम को सेमीफाइनल मुकाबले में बेल्जियम से 2-5 से हार का सामना करना पड़ा था। भारत ने आखिरी बार मास्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन वह म्यूनिख ओलंपिक 1972 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुँचा था।

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