भारत-चीन विवाद : ड्रैगन के खिलाफ US खुलकर आया इंडिया के साथ

वाशिंगटन। भारत और चीन के बीच तंवाग में हुई झड़प के बाद यह दो देशों के बीच आंतरिक लड़ाई जियो पॉलिटिक्स की सुर्खियों में शामिल हो गयी हैं। अरूणाचल प्रदेश में लगातार चीन एलएसी पर टेंशन क्रिएट करने की कोशिश कर रहा हैं। तंवाग को हमेशा से तिब्बत का हिस्सा कहने वाले चीन ने चोरी से 600 सैनिकों को भेट कर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार करने की कोशिश में था लेकिन चीनियो को भारतीय जवानों ने खडेद दिया। अब दोनों देशों के प्रमुखों द्वारा इस मुद्दे पर बातचीत की जा रही है ताकि शांति से इन मुद्दे को सुलझाया जा सकें। ऐसे में अमेरिका ने भी अपनी बात तंवाग मुद्दे पर रखी हैं। अमेरिका ने भारत का साथ देते हुए एक बयान जारी किया हैं। अमेरिका और भारत एक गहरा रिश्ता साझा करते हैं। देशों के बीच काफी अच्छे संबंध है वहीं चीन के साथ अमेरिका की दूरियां काफी बढ़ गयी हैं।

अमेरिका ने कहा है कि वह भारत और चीन को उनकी विवादित सीमाओं से जुड़े मुद्दों पर मौजूदा द्विपक्षीय माध्यमों के जरिए चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित करता है। हालांकि अमेरिका ने साथ ही कहा कि वह स्थापित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा पार से क्षेत्र पर दावे के किसी भी ‘‘एकतरफा प्रयास’’ का कड़ा विरोध करता है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने मंगलवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ हम इस खबर से खुश हैं कि दोनों पक्षों ने झड़प रोक दी है। हम स्थिति पर करीबी नजर बनाए हैं। ’’

भारत और चीन के सैनिकों के बीच नौ दिसंबर को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई झड़प पर ज्यां-पियरे से सवाल किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘ हम विवादित सीमाओं से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय माध्यमों का इस्तेमाल करने के लिए भारत और चीन को प्रोत्साहित करते हैं। हम यह देखकर खुश हैं कि फिलहाल झड़प थम गई है। ’’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद को बताया था कि चीन के सैनिकों ने नौ दिसंबर को तवांग सेक्टर में यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति बदलने का एकतरफा प्रयास किया जिसका भारत के जवानों ने दृढ़ता से जवाब दिया और उन्हें लौटने के लिए मजबूर कर दिया। सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में अपने बयान में कहा, ‘‘चीन के सैनिकों के हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण के प्रयास का भारतीय सेना ने दृढ़ता से सामना किया और उन्हें लौटने पर मजबूर कर दिया। झड़प में दोनों सेनाओं के कुछ सैनिक घायल हो गए।’’

इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने पत्रकारों से कहा कि भारत और चीन के बीच उत्पन्न स्थिति पर अमेरिका करीबी नजर बनाए है। प्राइस ने कहा, ‘‘ हम इस खबर से खुश हैं कि दोनों पक्षों ने तुरंत ही झड़प रोक दी है। मेरे पास इस हालिया झड़प पर बताने को कुछ नहीं है लेकिन हम स्थिति पर करीबी नजर बनाए रखेंगे और अपने भारतीय समकक्षों के साथ संपर्क में हैं। ’’ उन्होंने दोहराया कि भारत, क्वाड और अन्य बहुपक्षीय मंचों में अमेरिका का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने भी कहा कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन सीमा पर हालिया गतिविधियों पर करीबी नजर बनाए है। गौरतलब है कि यह झड़प ऐसे समय में हुई है, जब भारत और चीन के बीच मई 2020 में पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प से शुरू हुए पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध का हल निकालने के लिए दोनों देश कमांडर स्तर की 16 दौर की बातचीत कर चुके हैं।

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