मनोरंजन डेस्क (BNS)। नेटफ्लिक्स पर सान्या मल्होत्रा की फिल्म कटहल को आए हुए अभी दो हफ्ता हुआ है और फिल्म की चर्चा हर तरफ देखने को मिल रही है। ये कहानी सिर्फ आज के दौर की नहीं है बल्कि ये कहानी बताती है कि कैसे लोकतंत्र को दशकों से ठगा गया है और कुर्सी पर विराजमान कुछ नेताओं ने इसे अपनी जागीर बना लिया। जन सेवा के नाम पर लोगों के साथ धोखा होता गया और लोगों को इसकी आदत पड़ गई।
आज के दौर में पुलिस का हाल कैसा है ये सभी जानते हैं। किसी भी मामले को अनसुना कर देना, गरीबों पर अत्याचार करना, सत्ताधारियों की जीहजूरी करना, ये सभी काम आज पुलिस की दिनचर्या में शुमार हो चुके हैं। तभी पुलिसवालों को आज के दौर में सरकारी गुंडा तक कह दिया जाता है। और जो लोग ईमानदारी से काम करना चाहते हैं उन्हें साइड कर दिया जाता है।
Not even a jack of all trades can solve the case of these missing jackfruits 👮#Tudum presents a kathal kidnapping comedy 🔎 #Kathal, streaming soon! 💚 pic.twitter.com/pJuXx2bmsm
— Netflix India (@NetflixIndia) September 24, 2022
कटहल मूवी में पुलिसवालों को ठीक वैसे ही दिखाया गया है जैसा काम वास्तविकता में ग्राउंड लेवल पर किया जाता है। अगर आप थाने में शिकायत लिखाने जाओ तो पुलिस वालों के ट्रीट करने का अंदाज, केस को हल्के में लेना या उसकी अनदेखी करना या फिर मासूम जनता को गोल-गोल घुमाना आम बात है।
अब इससे बड़े दुर्भाग्य की बात भला और क्या हो सकती है कि फिल्म में जब माली अपनी बेटी के गुमशुदगी की शिकायत लिखाने जाता है तो उसे पूरी तरह से इग्नोर कर दिया जाता है वहीं दूसरी तरफ उसी माली के मालिक का गुम हुआ कटहल पुलिसवालों के सिर का दर्द बना हुआ है। प्राथमिकता यहां साफतौर पर देखी जा सकती है।
कहा जाता है कि कोई भी सीधा-सादा आदमी सत्ता में जाकर नहीं बैठ सकता। उसके लिए समाज में मापदंड तैयार हैं। कोई भी एकेडमिक क्वालिफिकेशन क्राइटेरिया नहीं है। अगर कोई क्राइटेरिया है तो वो है कि आपका समाज में रसूख कैसा है। आपकी दबंगई कितनी है. इस फिल्म में भी विजय राज का किरदार जैसा दिखाया गया है वैसा कहीं आप असल जिंदगी में देख लें तो ताज्जुब ना खाइएगा।
देशभर में रोज ना जाने कितने बेगुनाहों के साथ अत्याचार होते हैं। छोटी-मोटी चोरी या फिर छीना-झपटी तो आम बात है। लेकिन एक आम आदमी ही जानता है कि उसे किसी पुलिस स्टेशन पर एक FIR दर्ज कराने के लिए कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं। लेकिन अगर कोई बड़ा नेता कोई शिकायत लेकर आ गया तो तत्काल प्रभाव के साथ उसके केस पर कार्रवाई होती है।
फिल्म में राजपाल यादव ने एक न्यूज रिपोर्टर का रोल प्ले किया है। इस फिल्म में जिन जरूरी मुद्दों पर प्रहार किया गया है उसमें मीडिया भी शामिल है। किस तरह से मीडिया के इस दौर में कवरेज हो रही हैं और जिन मुद्दों को प्रायॉरिटी दी जा रही है वो आम जनता से छिपा नहीं है। राजपाल यादव का किरदार भी दुनियाभर की बड़ी खबरें छोड़ एक विधायक के अंकल हॉन्ग कटहल के गुम होने को सनसनी बना देता है।
कटहल फिल्म को डायरेक्टर यशोवर्धन मिश्रा ने बनाया है। उन्होंने अब तक अपने करियर में ज्यादा फिल्में नहीं बनाई हैं लेकिन अपने करियर की शुरुआत में ही उन्होंने लोगों को हल्के-फुल्के मनोरंजन के साथ समाज का आईना दिखा दिया है। फिल्म के जरिए उन्होंने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। इस फिल्म को फैंस काफी पसंद कर रहे हैं और इसकी तारीफ करते नजर आ रहे हैं। कटहल फिल्म एक ऐसा सटायर है जिसमें वो सबकुछ है जो समाज में घटित हो रहा है और पिछले कई दशकों से होता ही आ रहा है।
सोर्स ?- Sanya Malhotra Movie Kathal: इंटरनेर