श्रावण मास 2020: सोमवार से शुरू होगा श्रावण मास, पांच सोमवार पर्वों के साथ आएगी सोमवती अमावस भी

न्यूज़ डेक्स। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के अवसर पर रविवार को पूरा देश गुरु पूर्णिमा का पर्व मना रहा है। वहीं, सोमवार, छह जुलाई से श्रावण मास प्रारंभ हो जाएगा। इस बार के श्रावण मास में पांच सोमवार पर्व भी आएंगे, साथ ही आगामी 20 जुलाई (सोमवार) को श्रावण मास में सोमवती अमावस्या पर्व भी रहेगा। मध्यप्रदेश में भी गुरु पूर्णिमा पर्व के साथ ही श्रद्धालुओं ने श्रावण की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए इस बार कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध रहेगा, लेकिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में पूजा-अर्चना करने पहुंचेंगे।

श्रावण में हर साल प्रदेश के दोनों प्रमुख ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर के दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने यहां प्री-बुकिंग की व्यवस्था की है, इसलिए अभी यहां दोनों ही ज्योतिर्लिंग मंदिरों में सीमित संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं, लेकिन श्रावण मास के सोमवार पर्व एवं सोमवती अमावस पर्व पर भारी संख्या में दर्शनार्थियों के आने की संभावना है।

पिछले 16 जून से ओंकारेश्वर एवं ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर विशेष सावधानियों के साथ श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला गया है। ओंकारेश्वर मंदिर में एक दिन में एक हजार यात्रियों के लिए दर्शन की वर्तमान में व्यवस्था है, जबकि ममलेश्वर मंदिर में संख्या निश्चित नहीं की गई है। वहीं, उज्जैन में भगवान महाकाल के दर्शन के लिए अभी रोजाना 2800 लोगों को मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। दोनों की ज्योतिर्लिंग मंदिरों में प्री-बुकिंग के आधार पर श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं। श्रावण में भी इसी तरह की व्यवस्था रहेगी। श्रावण मास के सोमवार पर्व पर भगवान महाकाल की सवारी भी निकलेगी। इसमें भी श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रहेगी और इस बार सवारी मार्ग में भी परिवर्तन किया गया है।

सोमवार, छह जुलाई सोमवार से श्रावण मास प्रारंभ हो रहा है। अगला सोमवार पर्व 13 जुलाई को और फिर एक सप्ताह बाद आगामी 20 जुलाई सोमवार को श्रावण मास की सोमवती अमावस्या आ रही है। इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु ओंकारेश्वर स्थित नर्मदा और उज्जैन स्थित क्षिप्रा में स्नान करने के लिए आते हैं और ज्योर्लिंग भगवान ओंकारेश्वर और महाकाल के दर्शन करते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इस बार की स्थिति अलग होगी।

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