अमिताभ बच्चन ने KBC में की IMF चीफ गीता गोपीनाथ की सुंदरता की तारीफ, सोशल मीडिया पर भड़के यूजर्स, बताया सेक्सिस्ट टिप्पणी

मुंबई। महानायक अमिताभ बच्चन ने कौन बनेगा करोड़पति के एक हालिया एपिसोड के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ की सुंदरता की तारीफ की, जिसको लेकर गोपीनाथ ने अभिनेता का आभार प्रकट किया लेकिन सोशल मीडिया पर कई लोगों को उनकी टिप्पणी रास नहीं आई। गोपीनाथ ने शुक्रवार को ट्विटर पर शो की एक क्लिप साझा की, जिसमें बच्चन ने एक प्रतिभागी से स्क्रीन पर दिखाई गई तस्वीर में व्यक्ति की पहचान करने संबंधी सवाल पूछा। गोपीनाथ की तस्वीर को पर्दे पर दिखाते हुए बच्चन ने पूछा, इस तस्वीर में नजर आ रहीं महिला 2019 से किस संस्था की मुख्य अर्थशास्त्री रही हैं।

इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका चेहरा इतना सुंदर है कि कोई भी उन्हें अर्थशास्त्र से जोड़ नहीं सकता।। महानायक के इस प्रशंसा से गदगद गोपीनाथ ने अपने पोस्ट में कहा कि वह काफी लंबे समय से बच्चन की प्रशंसक हैं और यह वीडियो हमेशा उनके लिए खास रहेगा। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि ठीक है, मुझे नहीं लगता कि मैं कभी भी इसे भूल पाऊंगी। सर्वकालिक महान बिग बी श्री बच्चन की बहुत बड़ी प्रशंसक के रूप में मेरे लिए यह बहुत ही यह विशेष है! हालांकि, एपिसोड के दौरान बच्चन की यह टिप्पणी कई लोगों को रास नहीं आई। कई लोगों ने बच्चन की इस टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना की।

एक व्यक्ति ने ट्वीट किया, ‘‘गीता गोपीनाथ पर अमिताभ बच्चन कहते हैं, उनका चेहरा इतना सुंदर है कि कोई भी उन्हें अर्थशास्त्र के साथ नहीं जोड़ेगा , लेकिन गीता गोपीनाथ को यह कहकर प्रशंसा लौटा देनी चाहिए कि उनका मस्तिष्क इतना छोटा है कि कोई भी उन्हें बुद्धि से नहीं जोड़ेगा।’’ एक अन्य व्यक्ति ने लिखा, अमिताभ बच्चन ने कहा कि गीता गोपीनाथ का चेहरा इतना सुंदर है कि कोई भी इन्हें अर्थशास्त्र के साथ नहीं जोड़ेगा। इसका अर्थ है- 1. अर्थशास्त्र में महिलाएं सुंदर नहीं होती हैं। 2. अच्छी दिखने वाली महिलाएं अर्थशास्त्री नहीं हो सकती हैं। 3. सौंदर्य और दिमाग एक साथ नहीं हो सकता। 4. मैं एक पितृसत्तात्मक मूर्ख हूं।

एक अन्य व्यक्ति ने ट्वीट में लिखा है, यह बहुत दुखद है कि उन्होंने आपकी उपलब्धि की नहीं, बल्कि आपके चेहरे का उल्लेख किया।’’ एक अन्य उपयोगकर्ता ने कहा, यही कारण है कि सेक्सिज्म हमेशा के लिए मौजूद रहेगा। यह इतना सामान्यीकृत हो चुका है कि बुद्धिमान महिलाएं भी इसे पहचान नहीं पाती हैं और इसे बढ़िया कहती हैं।

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.