नई दिल्ली। आज पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का निधन हो गया, उनका नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(AMIS) में इलाज चल रहा था। सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद अरुण जेटली को भर्ती किया गया था। गहन चिकित्सा कक्ष (ICU) में दिल और गुर्दे के डॉक्टरों की एक टीम जेटली के स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने एम्स पहुंचकर उनका हाल जाना।
ज्ञात हो कि इसी साल मई में भी जेटली इलाज के लिए AMIS में भर्ती हुए थे। अरुण जेटली पहले भी कई बार AMIS में भर्ती हो चुके हैं। 14 मई 2018 को AMIS में उनका किडनी प्रत्यारोपण हुआ था। इसके लिए डॉक्टरों की टीम बाहरी अस्पतालों से आई थी।
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली किडनी के साथ-साथ कैंसर से भी जूझ रहे हैं। उनके बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया है जिसकी सर्जरी के लिए जेटली अमेरिका भी गए थे।
Deeply condole the death of our senior leader #ArunJaitely Ji, who was like an elder brother to me. Have worked with him since my student days for more than 45 years. His intellect, leadership and eloquence was truly extraordinary. We all will really miss him. My deep condolences
— Ravi Shankar Prasad (Modi ka Parivar) (@rsprasad) August 24, 2019
जनवरी 2019 पूर्व वित्त मंत्री को सारकोमा (फेफड़ा) में सॉफ्ट टिश्यू मिले थे। इसे लेकर उन्हें न्यूयार्क के डॉक्टरों की सलाह लेनी पड़ी थी। इसके बाद से उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है। डॉक्टरों के कहने पर वे कई महीने से आइसोलेशन में रहे। जिसके कारण वह रिश्तेदारों, परिजनों और करीबियों को छोड़ बाकी लोगों से दूरी भी बनाई गई थी, वर्ष 2014 में अरुण जेटली की गैस्ट्रिक सर्जरी भी हो चुकी है। उन्हें मधुमेह की भी लंबे समय से परेशानी है।
Shri @arunjaitley Ji will be remembered as a great human being, legal luminary & an outstanding parliamentarian who served the nation selflessly throughout his life.
He was a true democrat who fought emergency as a student leader.— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) August 24, 2019
वैसे तो हमारे शरीर में कई तरह के सॉफ्ट टिशू ट्यूमर होते हैं लेकिन सभी कैंसरस नहीं होते। सॉफ्ट टिशू में कई मामूली ट्यूमर भी होते हैं जिसका मतलब है कि इनमें कैंसर नहीं होता और वे शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल नहीं सकते। लेकिन जब इस तरह की बीमारी के साथ सार्कोमा शब्द जुड़ जाता है तो इसका मतलब है कि उस ट्यूमर में कैंसर विकसित हो गया है और वह घातक है।
Deeply anguished by the demise of my friend and an extremely valued colleague Shri Arun Jaitley ji. He was a proficient lawyer by profession and an efficient politician by passion.
— Rajnath Singh (मोदी का परिवार) (@rajnathsingh) August 24, 2019
सार्कोमा एक तरह का कैंसर है जो हड्डी या मांसपेशियों के टिशू में शुरू होता है। बोन और सॉफ्ट टिशू सार्कोमा मुख्य तरह का सार्कोमा होता है। सॉफ्ट टिशू सार्कोमा, फैट, मसल्स, नर्व्स, फाइबर टिश्यू, रक्त धमनियां या फिर डीप स्किन टिशू में विकसित होता है। वैसे तो ये शरीर के किसी भी हिस्से में पाए जा सकते हैं लेकिन मुख्य तौर पर सॉफ्ट टिशू कैंसर की शुरुआत हाथ या पैर से होती है। 50 से भी ज्यादा अलग-अलग तरह का होता है सॉफ्ट टिशू सार्कोमा। इनमें से कुछ तो बेहद रेयर होते हैं।
हमेशा तर्क, तत्व और तथ्य पूर्वक भाषण करने वाले, शब्दों को तराशने वाले, भाजपा के प्रमुख कार्यकर्ता, नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री, संगठन कर्ता, थिंकटैंक श्री @arunjaitley जी को हृदय से श्रद्धांजलि।
— Sumitra Mahajan 'tai' (@S_MahajanLS) August 24, 2019
पिछले काफी समय से अरुण जेटली अस्वस्थ चल रहे हैं और इसी वजह से उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा था। उन्होंने दूसरी मोदी सरकार की कैबिनेट में शामिल होने से भी इनकार कर दिया था। जेटली ने PM नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा था, ‘पिछले 18 महीने से मैं बीमार हूं। मेरी तबीयत खराब है, इसलिए मुझे मंत्री बनाने पर विचार न करें।’