श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटबाया से मिले प्रधानमंत्री मोदी, आतंकवाद से निपटने श्रीलंका को 45 करोड़ डॉलर का लोन देने की घोषणा

नई दिल्ली। PM नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से मुलाकात के बाद कहा कि दोनों के बीच वार्ता ‘‘सार्थक’’ रही। साथ ही PM मोदी ने श्रीलंका को 45 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा मुहैया कराने का ऐलान किया। इसमें पांच करोड़ डॉलर की राशि द्वीपीय देश को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रदान की जाएगी। वार्ता में श्रीलंका में तमिल समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करने सहित सुरक्षा और व्यापार संबंधों को बढ़ाने तथा मछुआरों की चिंताओं को दूर करने के मुद्दों पर जोर दिया गया।

वार्ता के बाद मीडिया को जारी बयान में मोदी ने कहा कि उन्होंने राजपक्षे को आश्वासन दिया है कि उनके देश को प्रगति के रास्ते पर तेजी से ले जाने में भारत पूरा सहयोग करेगा। प्रधानमंत्री ने श्रीलंका में विकास परियोजनाओं के लिए 40 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा के अलावा आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए 5 करोड़ डॉलर की सहायता देने की भी घोषणा की। श्रीलंका की राजधानी कोलम्बो में अप्रैल में कई बम धमाके हुए जिनमें 250 से अधिक लोग मारे गए।

श्री मोदी ने कहा कि मैंने राष्ट्रपति राजपक्षे के साथ चर्चा की कि आतंकवाद से निपटने में अपने परस्पर सहयोग को कैसे और मजबूत कर सकते हैं। श्रीलंका के पुलिस अधिकारी आतंकवाद से निपटने के लिए प्रमुख भारतीय संस्थानों में प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं। राजपक्षे बृहस्पतिवार को तीन दिनों के दौरे पर यहां पहुंचे। श्रीलंका का राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है जो भारत के साथ उनके महत्वपूर्ण रिश्तों को दर्शाती है।

तमिल मुद्दे पर श्री मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि श्रीलंका की सरकार मेलमिलाप प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी और तमिल समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करेगी। मोदी ने कहा कि जो जनादेश आपको मिला है वह वहां के लोगों की मजबूत और समृद्ध श्रीलंका की आकांक्षाओं को दर्शाता है। इस बारे में हमेशा श्रीलंका के साथ भारत की शुभेच्छाएं और सहयोग हैं। मोदी ने कहा कि स्थिर श्रीलंका न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे हिंद महासागर क्षेत्र के हित में है।

गोटबाया ने कहा कि वार्ता ‘‘सार्थक’’ रही और विचार-विमर्श का केंद्र सुरक्षा सहयोग रहा। उन्होंने कहा कि PM मोदी के साथ मेरी वार्ता में आर्थिक सहयोग पर भी जोर दिया गया। इससे पहले गोटबाया ने कहा कि भारत के साथ वह अपने देश के द्विपक्षीय संबंधों को ‘‘काफी ऊंचे स्तर’’ पर ले जाने का प्रयास करेंगे।

राष्ट्रपति भवन में स्वागत समारोह के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सुरक्षा के संबंध में भारत और श्रीलंका को एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। राजपक्षे ने कहा कि राष्ट्रपति के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान मैं भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों को काफी ऊंचे स्तर पर ले जाना चाहता हूं। हमारा ऐतिहासिक एवं राजनीतिक रूप से लंबा संबंध रहा है। देश में लंबे समय से चल रहे गृह युद्ध को समाप्त करने का श्रेय पूर्व रक्षा सचिव गोटबाया को जाता है। उन्हें 18 नवम्बर को देश का नया राष्ट्रपति चुना गया। तीन दिन बाद उन्होंने अपने बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.