JNU छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद बैकफुट पर आई सरकार, प्रबंधन ने कम की बढ़ी हुई फीस, छात्रों ने बोला दिखावटी

नई दिल्ली। देश की प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में छात्र और प्रशासन आमने-सामने हैं। बीते दिनों छात्रों का प्रदर्शन कैंपस से निकलकर सड़क तक पहुंच गया। देखते ही देखते मामला इतना बिगड़ गया कि छात्रों के प्रदर्शन के कारण मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। जेएनयू के तीसरे दीक्षांत समारोह में शिरकत करने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक जेएनयू आए थे। इस दौरान छात्रों ने रमेश पोखरियाल निशंक को कई घंटों तक ऑडिटोरियम से निकलने नहीं दिया। JNU छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने छात्रावास शुल्क वृद्धि की आंशिक वापसी का आदेश दिया। खबरों के अनुसार विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में ये फैसला लिया गया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार गरीब छात्रों को आर्थिक सहायता देने के लिए एक योजना प्रस्तावित की गई है।

गौरतलब है कि देश के अन्य विश्वविद्यालयों की तर्ज पर अब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय JNU के छात्र रात 11:30 बजे के बाद हॉस्टल में एंट्री नहीं कर पाने और रहने-खाने के आधार पर बिल देने जैसे प्रवाधानों को लेकर एक ड्राफ्ट तैयार किया गया था। खास बात यह थी कि छात्रों को फॉर्मल ड्रेस पहनकर ही आना होगा। इसके अलावा जेएनयू प्रशासन ने सबसे अधिक वन टाइम सिक्योरिटी चार्ज (रिफंडेबल) फीस में बढ़ोतरी की थी। पहले ये फीस 5500 रुपये थी जिसे अब बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर दिया गया। इसी के साथ सर्विस चार्ज की बात करें तो यह पहले शून्य था लेकिन इसे अब बढ़ाकर 1700 रुपये महीने कर दिया गया। इसी के साथ रूम रेंट (सिंगल और डबल) दोनों में बढ़ोतरी की गई। पहले जहां सिंगल रूम का चार्ज 20 रुपये महीना था उसे अब बढ़ाकर 600 रुपये महीना कर दिया गया। वहीं, दो बेड वाले रूम का किराया जहां पहले 10 रुपये महीना था उसे बढ़ाकर अब 300 रुपये महीना कर दिया गया। इसे लेकर ही छात्र लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे थे।

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