जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, देश में किसी को जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए, उकसाने पर हर हाल में देंगे करारा जवाब- प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने LAC पर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से साथ हुई झड़प पर साफ शब्दों में कहा कि भारतीय जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। कोरोना संकट पर 15 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उन्होंने कहा कि शहीद जवानों पर देश को गर्व है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएंगा। हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है, और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी नहीं रोक सकता। इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए। भारत शांति चाहता है। लेकिन भारत को उकसाने पर हर हाल में निर्णायक जवाब भी दिया जाएगा। देश को इस बात का गर्व होगा की हमारे सैनिक मारते मारते मरे हैं।

श्री मोदी ने कहा भारत माता के वीर सपूतों ने गलवान वैली में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। देश की सेवा में उनके महान बलिदान के लिए उन्हें नमन करता हूं। उन्हें कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं। उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं शहीदों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, जवानों और उनके परिवार को भरोसा दिलाता हूं कि देश आपके साथ है, स्थिति कुछ भी हो देश आपके साथ है। हमारे इन शहीदों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। भारत पूरी दृढ़ता से देश के एक- एक इंच जमीन की, स्वाभिमान की रक्षा करेगा।

उन्होंने कहा कि भारत सांस्कृतिक रूप से एक शांतिपूर्ण देश है। हमारा इतिहास शांति का रहा है। भारत का वैचारिक मंत्र ही रहा है- लोकाः समस्ताः सुखिनों भवन्तु। हमने हर युग में पूरे संसार में शांति की, पूरी मानवता की कल्याण की कामना की। पड़ोसियों के साथ दोस्ताना तरीके से काम किया। हमेशा उनके कल्याण और विकास की कामना की है। जहां कहीं हमारे मतभेद भी रहे हैं, हमने हमेशा ये प्रयास किया है कि मतभेद विवाद में न बदले। हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं लेकिन अपने देश की अखंडता और संप्रभूता के साथ समझौता भी नहीं करते। जब भी समय आया है, हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है। त्याग और तितिक्षा हमारे राष्ट्रीय चरित्र का हिस्सा हैं, लेकिन साथ ही विक्रम और वीरता भी उतना ही हमारे देश के चरित्र का हिस्सा हैं।

दो मिनट का मौन रहकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।

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