प्रवासी भारतीय वोटर्स भी कर सकेंगे मतदान? चुनाव आयोग ने रखा ऐसा प्रस्ताव

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि इलेक्ट्रॉनिक तरीके से डाक मतदान प्रणाली (ETPBS) की सुविधा योग्य प्रवासी भारतीय मतदाताओं को भी प्रदान की जाए। यह सुविधा अभी तक सैन्यकर्मियों के लिए उपलब्ध है।

कानून मंत्रालय में विधायी सचिव को 27 नवंबर को लिखे एक पत्र में आयोग ने कहा कि सेना के मतदाताओं के मामले में ETPBS के सफल क्रियान्वयन के बाद उसे अब भरोसा है कि यह सुविधा विदेशी प्रवासी मतदाताओं को भी दी जा सकती है। आयोग ने कहा कि असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव में इस सुविधा को देने के लिए चुनाव आयोग तकनीकी और प्रशासनिक रूप से तैयार है। इन राज्यों में अगले साल अप्रैल से जून के बीच में विधानसभा चुनाव होने हैं।

चुनाव आयोग को विदेशों में रहने वाले भारतवंशियों से बड़ी संख्या में अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं कि उन्हें डाक मतपत्र से मतदान की सुविधा प्रदान की जाए, क्योंकि वे मतदान के लिए भारत में अपने मतदान क्षेत्र में नहीं आ सकते। एक तो इसमें बहुत खर्च होगा और वे अपनी नौकरी, शिक्षा या अन्य व्यस्तताओं के चलते भी उस देश को छोड़कर नहीं आ सकते।

कानून मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल की वजह से समस्या और जटिल हो गई है। इसलिए सभी सक्षम मतदाताओं को मताधिकार का मौका देने के लिए विकल्प तलाशने होंगे। वर्तमान में विदेशों में रहने वाले भारतीय उन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान करने के लिए स्वतंत्र हैं, जहां वे मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं। ETPBS प्रणाली में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सैन्यकर्मियों को मतपत्र भेजा जाता है। वे इसे डाउनलोड करते हैं और एक विशेष लिफाफे में अपने निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी को भेजते हैं। नियम है कि यह मतपत्र निर्वाचन अधिकारी के पास मतगणना वाले दिन सुबह आठ बजे तक पहुंच जाना चाहिए।

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