भीमा कोरेगांव केस की NIA जांच पर, शरद पवार के बाद कांग्रेस ने भी जताई असहमति कहा- उद्धव ठाकरे के पास पावर हो सकती है, लेकिन…

नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को उद्धव सरकार की ओर से भीमा कोरेगांव मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौपे जाने पर सहमति को लेकर असहमति जताई है। कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह उचित नहीं था, इस तरह की बातों को लेकर पार्टनर से विचार करना चाहिए। आप (उद्धव ठाकरे) पावर में हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल विवेकपूर्ण तरीके से करना चाहिए था। हमारे मंत्री वहां हैं, उन्होंने लड़ाई लड़ी।

एक दिन पहले ही NCP नेता शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर सवाल उठाए है जिसमें महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि एल्गार परिषद (भीमा कोरेगांव) मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा अपने हाथ में लेने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है। शरद पवार ने कहा कि केन्द्र का इस तरह से राज्य के हाथों से जांच लेना केंद्र गलत है और महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनके फैसले का समर्थन करना भी गलत है।

वहीं बॉम्बे हाईकोर्ट ने गौतम नवलखा और आनंद तेलतुम्बडे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया है। कोर्ट ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया है। भीमा कोरेगांव मामले की जांच पुणे पुलिस से एनआईए को हस्तांतरित करने पर NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस में कुछ लोगों का व्यवहार (भीमा कोरेगांव जांच में शामिल) आपत्तिजनक था।

पवार ने कहा था कि मैं चाहता था कि इन अधिकारियों की भूमिका की जांच हो। उन्होंने कहा कि सुबह में पुलिस अधिकारियों के साथ महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों की बैठक हुई थी और दोपहर 3 बजे केंद्र ने मामले को एनआईए को हस्तांतरित करने का आदेश दिया। यह संविधान के अनुसार गलत है, क्योंकि अपराध की जांच राज्य का अधिकार क्षेत्र है।

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