‘‘आज ग्रामीण भारत और ग्रामवासियों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है।’’दुनिया अभिभूत है, बढ़ रही है देश की प्रतिष्ठा : PM मोदी

अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को घोषणा की कि भारत अब खुले में शौच से मुक्त हो गया है और 60 महीने के अंदर हासिल इस उपलब्धि पर दुनिया अभिभूत है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर यहां आयोजित ‘स्वच्छ भारत दिवस’ कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि प्लास्टिक पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है और देश को 2022 तक एक बार इस्तेमाल में लाये जाने वाले प्लास्टिक को पूरी तरह समाप्त करने के लक्ष्य को हासिल करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘आज ग्रामीण भारत और ग्रामवासियों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है।’’ समारोह में करीब 20 हजार ग्राम प्रधानों ने भाग लिया जिनमें 10 हजार गुजरात से थे। मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की थी और ऐलान किया था कि दो अक्टूबर, 2019 को भारत खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो जाएगा। उन्होंने गांधीजी के स्वच्छता के संदेश का उल्लेख किया था। उन्होंने आज कहा, ‘‘पूरी दुनिया हमारी इस उपलब्धि से चकित है और 60 महीने में 60 करोड़ से अधिक लोगों को शौचालय मुहैया कराने और 11 करोड़ से अधिक शौचालय बनाने के लिए हमारी प्रशंसा कर रही है और हमें सम्मानित कर रही है। दुनिया इस उपलब्धि से अभिभूत है।’’

श्री मोदी ने कहा कि इन सबके अलावा उन्हें इस बात से सबसे ज्यादा संतोष मिलता है कि स्वच्छता मिशन से महिलाओं को सम्मान मिल रहा है और लाखों बच्चों की जान बच रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और पशु गांधीजी को बहुत प्रिय थे। उन्होंने कहा, ‘‘प्लास्टिक इन सभी के लिए बड़ा खतरा है, इसलिए हमें इस देश से 2022 तक एकल इस्तेमाल वाले प्लास्टिक को समाप्त करने के लक्ष्य को हासिल करना होगा।’’ उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के आह्वान पर अंग्रेजों को देश से बाहर करने के लिए लाखों लोग ‘सत्याग्रह’ के लिए एकजुट हो गए और 2014 में लाल किले की प्राचीर से उनके आह्वान के बाद करोड़ों लोग ‘स्वच्छाग्रह’ के इस आंदोलन में शामिल हो गये।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘स्वच्छ भारत मिशन केवल जिंदगियां नहीं बचा रहा, बल्कि जीवन का स्तर भी ऊंचा कर रहा है। यूनिसेफ के एक सर्वे के अनुसार इस मिशन से पिछले पांच साल में भारतीय अर्थव्यवस्था पर 20 लाख करोड़ रुपये मूल्य का सकारात्मक असर पड़ा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इससे 75 लाख लोगों के लिए, खासकर ग्रामीण लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए। बच्चों की शिक्षा और हमारी उत्पादकता पर भी सकारात्मक असर पड़ा है।’’ मोदी ने लोगों से आग्रह किया कि यहीं नहीं रुकें और अगला कदम लोगों को बनाये गये शौचालयों का इस्तेमाल करने के लिए मनाने का होना चाहिए। एकल इस्तेमाल के प्लास्टिक के उपयोग को बंद करने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष जताया कि प्लास्टिक के थैलों का इस्तेमाल धीरे-धीरे कम हो रहा है। मोदी ने राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती के मौके पर 150 रुपये मूल्य का सिक्का और स्मारक डाकटिकट भी जारी किया।

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