नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर महीनों से जारी तनाव के बीच भारतीय सेना ने 19 अक्टूबर को पकड़े गए चीन के जवान को लौटा दिया है। मंगलवार देर रात को चुशूल मोलडो मीटिंग पॉइंट पर चीन को सौंपा गया। चीनी सैनिक का नाम वांग या लोंग था। PLA सैनिक को पूर्वी लद्दाख के चुमार-डेमचोक इलाके में पकड़ा गया था।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने एक बयान जारी कर भारतीय सेना से जवान को लौटाने का आग्रह किया था। चीनी सेना का कहना है कि ये जवान कुछ चरवाहों को रास्ता बताने के चक्कर में खुद ही गलती से एलएसी पार कर भारतीय सीमा में दाखिल हो गया था। वांग भटककर वास्तविक नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय सीमा में घुस आया था। इस दौरान भारतीय सेना ने चीनी सैनिक को ठंडे मौसम से बचाने के लिए मेडिकल मदद के साथ साथ खाना-पीना और गर्म कपड़े भी दिए थे।
The #PLA soldier, who went missing while helping herdsman find yak near #China–#India border on Sunday, has been returned to Chinese border troops by Indian army early on Wednesday, PLA News reported. https://t.co/8gljTdoFwQ
— Global Times (@globaltimesnews) October 20, 2020
चीनी सेना से अपने लापता सैनिक को वापस देने का अनुरोध किया था। जिसके बाद भारतीय अधिकारियों ने प्रोटोकॉल के तहत सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वांग को चीन को वापस सौंप दिया। बता दें कि मई महीने के पहले हफ्ते से ही भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने हैं। दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।
जून महीने में लद्दाख स्थित गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवानों की जान चली गई थी। हिंसक झड़प में दर्जनों चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे। वहीं, पैंगॉन्ग त्सो में दोनों पक्षों के बीच एक से ज्यादा बार एयर शॉट चलाने की घटनाएं भी हुई हैं। इस दौरान भारत और चीन के बीच कई बार कोर कमांडर स्तर की वार्ता भी हो चुकी है, जो लगभग हर बार नाकाम रही है।