UN में पाकिस्तान की हुई अंतरराष्ट्रीय किरकिरी, PAK के प्रस्ताव से दूर रहे 100 से ज्यादा देश

नई दिल्ली। पाकिस्तान की एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर किरकिरी हुई है। पहली बार पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र में पेश किए गए प्रस्ताव पर आधे से अधिक सदस्यों ने मतदान नहीं किया। दरअसल पाकिस्तान पारस्परिक और सांस्कृतिक संवाद को बढ़ावा देने के लिए प्रस्ताव लेकर आया था। लेकिन इसमें इस्लामोफोबिया और धर्म विशेष के जिक्र की वजह से सर्वानुमति नहीं बन सकी।

अमूमन इस तरह के प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित होते हैं लेकिन पाकिस्तान की खराब नीयत और प्रस्ताव की भाषा में धर्म विशेष पर फोकस से मत देने वाले देशों में से 52 अनुपस्थित रहे। 51 देशों ने मतदान नहीं किया। जिन देशों ने पाकिस्तान के प्रस्ताव को लेकर संयुक्त राष्ट्र में मतदान नहीं किया, उनमें से अधिकांश अफ्रीकी देश और छोटे द्वीप देश थे। पाकिस्तान ने फिलीपींस के साथ मिलकर प्रस्ताव पेश किया है और इसे 90 मतों के साथ पारित किया गया।

भारत ने करतारपुर साहिब के जिक्र को लेकर अपनी आपत्ति जताई थी। भारत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस तरह पाकिस्तान ने करतारपुर गुरुद्वारा के प्रशासन को एक गैर-सिख निकाय को दे दिया। भारत ने पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति पर भी चिंता जताई।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी मिशन ने कहा कि यह संकल्प इस्लामोफोबिया, मुस्लिम विरोधी घृणा फैलाने के खिलाफ राजनयिक अभियान का हिस्सा है। पाकिस्तान अब उत्सुक है कि संयुक्त राष्ट्र इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित करे। फिलहाल पाकिस्तान की मुहिम परवान नहीं चढ़ेगी। क्योंकि भारत के साथ कई यूरोपीय और अफ्रीकी देश पाकिस्तान की मंशा को बेनकाब कर सकते हैं।

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