कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में देश का कर्ज और पिता का फर्ज दोनों साथ निभा रहे मध्य प्रदेश के जांबाज पुलिसकर्मी

भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना वायरस की दहशत के मारे लोग घरों से बाहर भी नहीं निकल पा रहे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री ने टीआई निर्मलजी का बेहद मार्मिक फोटो ट्विटर पर शेयर किया है। कोरोना के खिलाफ इस जंग में वर्दी वालों की बड़ी भूमिका है। जवान और अधिकारी 18-20 घंटों तक ड्यूटी करते हैं। फिर जब घर जाने की होती है तो चाहकर भी ड्योढ़ी के भीतर कदम नहीं रख पाते। यह सोचकर कि कहीं वे बाहर से अपने घर में कोरोना का खतरा न ले आए हों। वर्दी में पुलिस अधिकारी निर्मलजी जब घर पहुंचे तो उनकी बिटिया बेसब्री से उनका इंतजार कर रही थी।

बेटी हर बार की तरह पिता की बाहों में लिपट जाना चाहती थी। मन तो कुछ ऐसा ही निर्मलजी का भी था। वहीं बेटी की सुरक्षा उन्हें ज्यादा जरूरी लगी। पिता ने बेटी को दूर से ही कोरोना वायरस के खतरों के बारे में जानकारी दी। फिर हाथ पांव धोकर घर के बाहर ही खाने के लिए बैठ गए। बार बार टुकुर टुकुर देखती बिटिया पर नजर चली जाती। पिता को पता है कि बेटी को देखकर फिलहाल संतोष करना है। झटपट फिर से ड्यूटी के लिए निकल जाना है।

ड्यूटी की थकान के बाद मन करेगा तो एक बार फिर घर आकर परिवार को दूर से ही देखने का सुख ले लेंगे। निर्मलजी अकेले नहीं बल्कि कई ऐसे जांबाज पुलिसकर्मी हैं जो फर्ज को अधिक अहमियत देते हुए अपना काम दिन रात किए जा रहे हैं।

15 दिनों पहले ही मध्य प्रदेश पुलिस के जवान धर्मेंद्र का एक्सिडेंट हुआ था। हाथ फ्रैक्चर हुआ। फिलहाल कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में उन्होंने काम को अधिक प्राथमिकता देते हुए प्लास्टर लगे हाथ के साथ ही ड्यूटी ज्वाइन कर ली।

भोपाल के अशोका गार्डन थाना प्रभारी सुदेश तिवारी की तस्वीर भी प्रभावित करती है। तिवारी जी बीते कई दिनों से घर नहीं गए हैं। खिड़की से ही खाना ले लेते हैं। घर के बाहर खाना खाया और फिर थाने में आकर बैठ जाते हैं।

पुलिस अधिकारियों और कर्मियों का ये समर्पण जनता की सेवा के लिए है। जिन्होंने अपना पारिवारिक स्वार्थ छोड़कर फर्ज को तरजीह दी। इन पुलिसकर्मियों के जज्बे के आगे कोरोना तो क्या कोई भी खतरनाक बीमारी टिक नहीं सकती

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