उपदेश देने नहीं प्रेरणा लेने आया हूं, पूरा देश वैज्ञानिकों के साथ : प्रधानमंत्री मोदी

बेंगलुरु। PM नरेंद्र मोदी ने आज इसरो से वैज्ञानिकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक मां भारती के लिए अपना पूरा जीवन खपा देते हैं। भले ही कुछ रुकावटे आई हैं, लेकिन हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ना चाहिए।

PM मोदी ने वैज्ञानिकों को मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि इसरो कभी हार मानने वालों में से नहीं है। मैं और पूरा देश आपके साथ खड़ा है। परिणाम अपनी जगह है, पर आप पर हमें गर्व है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसरो ने अपनी मेहनत से एक नया मुकाम हासिल किया है। हर कठिनाई हमें नया मुकाम देती है। विज्ञान नई संभावनाओं की नींव रखता है।

ज्ञात हो कि चंद्रयान-2 के आखिरी चरण में भारत के मून लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया। यह तब हुआ जब चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ रहा था। इससे 978 करोड़ रुपये की लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन को लेकर संस्पेंस बढ़ गया है। इसके बाद इसरो के वैज्ञानिकों में निराशा देखने को मिली। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया और कहा कि आपने बहुत अच्छा काम किया है।

आपको बता दें कि शुक्रवार को इसरो में वैज्ञानिकों से PM नरेंद्र मोदी ने कहा, “जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। राष्ट्र को आप पर गर्व है। अच्छे के लिए आशा है। मैं आपको बधाई देता हूं। आप सभी ने राष्ट्र, विज्ञान और मानव जाति के लिए एक बड़ी सेवा की है। मैं आपके साथ हर तरह से खड़ा हूं। बहादुरी से आगे आप लोग आगे बढ़ें।”

दूसरी ओर इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने कहा कि संपर्क उस समय टूटा, जब विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले स्थान से 2.1 किलोमीटर दूर रह गया था। उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर पहले तक लैंडर प्लान के हिसाब से काम कर रहा था। इसके बाद उससे संपर्क टूट गया। सिवन यह भी बताया कि इस बीच 2,379 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 आर्बिटर चांद का चक्कर लगाता रहेगा। इसका जीवनकाल एक साल का है।

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