IMA डाँ का दर्द : क्या डॉक्टरों को अपने ही भुगतान पाने के लिए नक्सली बन जाना चाहिए

नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने सोमवार को दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल के प्रशासन के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना के लिए कार्यवाही शुरू करने की मांग की। संगठन ने सवाल किया कि “क्या डॉक्टरों को अपने ही भुगतान का दावा करने के लिए नक्सली बन जाना चाहिए?”

हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टर अपने वेतन के भुगतान की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। एसोसिएशन ने इस हालात पर ‘बनाना रिपब्लिक’ कहते हुए तंज कसा और हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टर्स को वेतन ना मिलने को सिस्टम की नाकामी करार दिया।

एसोसिएशन ने कहा, “हिंदू राव अस्पताल में डॉक्टरों के वेतन का भुगतान न करने का मामला प्रणालीगत विफलता का मामला है। कोरोना महामारी के दौरान राष्ट्र की सेवा करने वाले डॉक्टर उचित प्रशंसा और प्रोत्साहन के हकदार हैं। यह बात इस तार्किक पहलू (लॉजिक) को धता बताता है, जब उन्हें अपना वैध वेतन पाने के लिए ही सड़क के किनारे आंदोलन का सहारा लेना पड़ता है।” इस बीच, IMA प्रमुख डॉ. राजन शर्मा ने बात करते हुए पूछा कि क्या डॉक्टरों को अपने ही भुगतान का दावा करने के लिए नक्सली बन जाना चाहिए?

उन्होंने कहा, “यह शर्म की बात है कि ऐसे समय में जब महामारी फैल रही है, डॉक्टर सड़कों पर झक मारने को मजबूर हैं और वह अपनी दुर्दशा को उजागर करने के लिए जंतर मंतर और कनॉट प्लेस जैसी जगहों पर तख्तियां पकड़ें हुए हैं।”

शर्मा ने कहा कि दिल्ली नगर निगम (MCD) और दिल्ली सरकार अंतिम समाधान के करीब पहुंचने के बजाय मामले का राजनीतिकरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “एमसीडी का दावा है कि दिल्ली सरकार ने उनके धन को अवरुद्ध कर दिया है, जबकि दिल्ली सरकार का दावा है कि केंद्र राज्य के करों को जारी नहीं कर रहा है।”

श्री शर्मा ने कहा कि वे मामले को टाल रहे हैं, लेकिन यह आखिर कहां रुकेगा? उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी किसी को तो लेनी ही होगी। अस्पताल उत्तरी दिल्ली नगर निगम (नॉर्थ MCD) के अंतर्गत आता है। अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर दो सप्ताह से अधिक समय से अपना वेतन जारी करने की मांग कर रहे हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों में से पांच शुक्रवार शाम से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। डाँ शर्मा ने कहा कि अधिकारियों को राजनीति से ऊपर उठना होगा और स्थिति को संभालना होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को नगर निगमों से स्वास्थ्य सेवा का अधिकार अपने पास लेना चाहिए।

उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य हमेशा एक राज्य का विषय है, लेकिन यहां यह नगर निगमों के दायरे में है। जब यह स्पष्ट होता है कि वे (MCD) इसे प्रबंधित करने में असमर्थ हैं, तो इसे सरकार को सौंप दिया जाना चाहिए।”

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.