मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रेडियोवार्ता ‘लोकवाणी‘ में आम जनता से हुए रू-ब-रू, राज्य सरकार के एक वर्ष के कामकाज का दिया ब्यौरा

एंकर

–  सभी श्रोताओं को नमस्कार, जय जोहार।
– लोकवाणी की छठवीं कड़ी के लिए माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी आकाशवाणी के रायपुर स्टूडियो पधार चुके हैं।
– माननीय मुख्यमंत्री जी आपको आकाशवाणी परिवार की ओर से, लोकवाणी के श्रोताओं की ओर से, और अभी इस कार्यक्रम को सुन रहे सभी साथियों की ओर से नववर्ष की गाड़ा-गाड़ा बधाई।
– आपके नेतृत्व में बीते वर्ष-2019 में छत्तीसगढ़ में उत्साह, उमंग, स्वाभिमान, अस्मिता और नई ऊर्जा से आगे बढ़ने का नया दौर शुरू हुआ है। छत्तीसगढ़ नई दिशाओं में आगे बढ़ा है। छत्तीसगढ़ को देश का नया विश्वास कहा जाने लगा है। नया वर्ष 2020 बहुत सारी नई उम्मीदें लेकर आया है।
–  आपके स्वागत और अभिनंदन के साथ आज लोकवाणी के नये दौर की शुरूवात हो रही है।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

–  जम्मो सुनवईया संगवारी मन ला टवेन्टी-ट्वेन्टी, नवा बछर के गाड़ा-गाड़ा बधाई अउ सुभकामना।
– 2019 हमर सरकार के काम-बुता के पहली बछर रिहीस।
– ते पाये के हमर सबले बड़े जिम्मेदारी रिहिस, बिश्वास के बहाली।
– प्रदेश के भीतर मनखे-मनखे में बिसवास होय, मनखे के बिसवास सरकार में बनय, देश अउ दुनिया, हमर उपर बिसवास करय, ये हमर सबले बड़ा संशो रिहिस।
– आज जब आपमन कहिथव के छत्तीसगढ़ देश के नवा बिसवास बनके उभरे हे तो मोला अब्बड़ संतोस मिलथे। हमन जेन रद्दा म चलत हन ओहर एकदम आरूग हे।
– एक बछर के सफर म मोला जम्मो मन के साथ मिलिस, आसिरवाद मिलिस, मया मिलिस, मार्गदरसन मिलिस, ते पाये के आज देश अउ दुनिया म छत्तीसगढ़ के अउ छत्तीसगढ़िया मन के जय जयकार होवत हे। जम्मो श्रेय आपमन के हावय।

एंकर

– माननीय मुख्यमंत्री जी बहुत से साथियो ने, बीते एक साल के अपने अनुभव शेयर किये हैं, साझा किए हैं, आइये सुनते हैं, उनके विचार।
1.    संतोष गुप्ता, सुकमा
– मैं सुकमा जिला से बोल रहा हूँ मेरा नाम संतोष गुप्ता है। जो छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री जी द्वारा जो कार्य किया है जैसा कि पट्टा वितरण वाला। मैं इस बारे में माननीय मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देना चाहता हूँ, जो रजिस्ट्री वाला योजना है वो बहुत अच्छा है। 5 डिसमिल का पट्टा का रजिस्ट्री होता था। लोगों के पास पैसा नहीं रहता था। जमीन रजिस्ट्री नहीं करा पाते थे। आज ढाई डिसमिल जमीन का भी रजिस्टरी हो रहा है। इस कार्य के लिए मैं माननीय मुख्यमंत्री जी को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूँ।
2.     मानवेन्द्र साहू, गर्रापार
– सभी क्षेत्र में आपकी सभी योजनाएं बहुत कारगर रही भविष्य में ऐसे ही सफलता से शासन चलाएं बहुत बहुत बधाई।
3.    सतीश उपाध्याय, मनेन्द्रगढ़, कोरिया
– माननीय मुख्यमंत्री जी सेवा के एक साल में जो छत्तीसगढ़ शासन ने कार्य किये है या अद्भुत कार्य किए है। श्रीराम के वन गमन मार्ग को चिन्हांकित करके नए इतिहास को समझने जा रहे हैं। गणतंत्र दिवस के परेड में हमारे छत्तीसगढ़ की झांकी के माध्यम से इस वर्ष छत्तीसगढ़ की हमारी परंपरा और संस्कृति की झलक देश दुनिया के आगे प्रदर्शित होगी। पौनी-पसारी योजना के अंतर्गत कई ऐसे रोजगार के अवसर भी सामने आ रहे हैं, जिसके अंतर्गत हमारे नवयुवक जो बेरोजगार है, उनको हाथकरघा, हस्तशिल्प और परंपरागत व्यवसाय के माध्यम से काम करने का, उनको रोजगार प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। माननीय मुख्यमंत्री जी भारत के नक्शे में छत्तीसगढ़ की स्थिति, काफी मजबूत बना रहे है। नरवा, गरवा, घुरवा और बारी योजना को अन्य राज्यों ने भी अपनाने की मंशा जाहिर की है। सुपोषण अभियान की शुरूआत की गई थी, उसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी पंचायत एवं ग्रामीण विकास की योजनाओं में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए हमारी छत्तीसगढ़ सरकार को 22 पुरस्कार मिला है। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य के माध्यम से पूरे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे छत्तीसगढ़ की सभ्यता और संस्कृति पूरे देश-विदेश में विख्यात रही है। ऐसा अद्भुत कार्य छत्तीसगढ़ की इतिहास में किसी ने नहीं किया। आपकी सोच और दूरदर्शिता को मैं कोटि-कोटि प्रणाम करता हूॅ।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

– संतोष भाई, नागवेन्द्र भाई, सतीश भाई और सभी साथियों को धन्यवाद कि आपने हमारी सरकार की सेवा और जतन की भावना को समझा।
– आपकी शुभकामनाएं और सहयोग इसी प्रकार मिलता रहेगा तो निश्चित तौर पर आगामी वर्षों में छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदल देंगे।
– जनता को राहत और प्राथमिकता देने का सिलसिला जारी है।
– हमने 1 जनवरी 2020 से देश की सबसे बड़ी ‘‘स्वास्थ्य सेवा योजना’’ भी शुरू कर दी है।
– प्रदेश के सभी 65 लाख परिवारों के प्रत्येक सदस्य के उपचार हेतु  ‘‘डॉ. खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’’ एवं  ‘‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’’ शुरू कर दी है।
– छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है जो ‘‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’’ के तहत 20 लाख रू. तक की आर्थिक सहायता जरूरतमंद लोगों को देगा ताकि गरीबी उपचार में आड़े ना आए। इस योजना में लीवर ट्रांसप्लान्ट, किड़नी ट्रांसप्लान्ट, कॉर्निया ट्रांसप्लान्ट, हृदय ट्रांसप्लान्ट, हीमोफीलिया, थैलेसिमिया, कैंसर, हृदय रोग, अप्लास्टिक एनीमिया, कॉक्लियर इम्प्लान्ट, सिकलसेल एनीमिया, एसिड अटैक विक्टिम्स, मस्कुलर डिस्ट्राफी जैसी बीमारियों का उपचार संभव होगा, जो प्रचलित योजनाओं में नहीं हो पा रहा था।
– ‘‘डॉ. खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’’ के माध्यम से प्रदेश के 56 लाख परिवारों को 5 लाख रू. तक का नगद रहित उपचार शासन द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। पूर्व में 42 लाख परिवारों को ही इसका लाभ मिल रहा था।
– पूर्व में संचालित योजनाओं में उपचार के दौरान जांच भी सबसे बड़ी समस्या थी, जिसका खर्च उठा पाना मरीज व उनके परिजनों के लिए संभव नहीं हो पाता था। हमारी सरकार ने इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा है कि जांच का खर्च भी योजना में शामिल हो।
– कहने का आशय है कि सरकार का एक साल पूर्ण होते ही हमारी नई पहल और योजनाओं का क्रियान्वयन शुरू हो गया है।

एंकर

– माननीय मुख्यमंत्री जी, आज 12 जनवरी है। स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन, जिसे हम ‘‘युवा दिवस’’ के रूप में मनाते हैं।
– इस अवसर पर आप युवाओं को क्या संदेश देना चाहेंगे।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

– सबसे पहले मैं स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिन पर उन्हें प्रणाम करता हूं।
– स्वामी विवेकानंद जी का जन्मदिन ‘‘युवा दिवस’’ के रूप में मनाया जाता है। इसलिए मैं प्रदेश की युवा शक्ति, प्रदेश की तरूणाई का हार्दिक अभिनंदन करता हूं।
– मेरे नौजवान साथियों। यदि कोई मुझसे पूछे कि हमें युवाओं के विकास के लिए क्या करना चाहिए तो मेरा सीधा जवाब होता है कि हमें सबसे पहले युवाओं पर विश्वास करना चाहिए।
– मेरा निश्चित मत है कि हमारे नौजवान साथियों को अगर किसी चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है तो वह है कि उन-पर, उनकी प्रतिभा पर, उनकी योग्यता पर, उनकी क्षमताओं पर, भरोसा जताया जाए।
– आज जो भी युवा साथी मुझे सुन रहे हैं, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि मुझे आप पर विश्वास है। मैं आपके साथ काम करना चाहता हूं। मैं आपको बड़ी से बड़ी जिम्मेदारियां सौंपना चाहता हूं।
– बीते एक साल के कार्यकाल में आपने देखा होगा कि छत्तीसगढ़ में और हमारे नेतृत्व में युवाओं का वर्चस्व बढ़ा है।
– दो प्रमुख बाते हैं- पहली बात यह है कि हम स्वामी विवेकानंद को किस तरह जानें, देखें और समझे। हमारे युवा साथी स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को, उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को किस तरह समझे।
– और दूसरी बात यह है कि छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं के लिए क्या कर रही है।

एंकर

– माननीय मुख्यमंत्री जी, स्वामी विवेकानंद को तो क्रांतिकारी सन्यासी कहा जाता है। उन्होंने अपना सारा जीवन संन्यासी की वेशभूषा में, एक संन्यासी की तरह जीवन यापन करते हुए गुजारा था, उनकी कौन सी शिक्षा युवाओं के लिए विशेषतौर पर उपयोगी है।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

– यह कहना सही है कि स्वामी विवेकानंद जी क्रांतिकारी भी थे और संन्यासी भी थे।
– यह कहना भी सही है कि स्वामी जी ने भारतीय आध्यात्मिक ज्ञान को पूरे संसार में प्रतिष्ठा दिलाई।
– लेकिन स्वामी विवेकानंद का धर्म और आध्यात्म किसी एक धर्म के प्रचारक की तरह नहीं था।
– स्वामी जी ने धर्म को किसी एक विचार की कट्टरता में बांधकर नहीं रखा था बल्कि उन्होंने तो दुनिया के सभी धर्मों को इंसान के उत्थान का जरिया बताया था।
– स्वामी जी कर्मकांड, और धार्मिक आडंबरों के सख्त खिलाफ थे। उन्होंने समाज के सबसे पिछड़े हुए लोगों की सेवा करते हुए उनके साथ रमने और आगे बढ़ने के लिए अनेक क्रांतिकारी पहल की थी और उस जमाने में भी किसी भी तरह के कट्टरपंथियों से सदाशयता पूर्वक शास्त्रार्थ के लिए तैयार रहते थे ताकि असहमतियों को लेकर कोई संघर्ष ना हो बल्कि कोई रास्ता निकले।
– शिकागो की विश्व धर्म महासभा में स्वामी विवेकानंद जी का भाषण आप सबको ध्यान से पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा था- साम्प्रदायिकता, हठधर्मिता और उनकी वीभत्स वंशधर धर्मान्धता, इस सुंदर पृथ्वी पर बहुत समय तक राज कर चुकी है। पृथ्वी को हिंसा से भरती रही है, उनको बारंबार मानवता के रक्त से नहलाती रही है, सभ्यताओं को विंध्वस्त करती और पूरे देशों को निराशा के गर्त में डालती रही है। यदि ये वीभत्स दानवी नहीं होती, तो मानव समाज आज की अवस्था से कहीं अधिक उन्नत हो गया होता। पर अब उनका समय आ गया है, और मैं आन्तरिक रूप से आशा करता हूं कि आज सुबह इस सभा के सम्मान में जो घण्टा ध्वनि हुई है, वह समस्त धर्मान्धता का, तलवार या लेखनी के द्वारा होने वाले सभी उत्पीड़नों का तथा एक ही लक्ष्य की ओर अग्रसर होने वाले मानवों की पारस्परिक कटुताओं का मृत्यु निनाद सिद्ध हो।’
– उन्होंने कहा है- मैं ऐसे एक दर्शन का प्रचार कर रहा हूं, जो दुनिया में मौजूद सभी प्रकार के धर्मों में निहित है। संभव है, उन सभी धर्मों की आधारशिला हो और सभी धर्मों के प्रति मेरी संपूर्ण संवेदना है। मेरा उपदेश किसी भी धर्म का विरोधी नहीं है। व्यक्ति जीवन की उन्नति-साधना ही विशेष रूप से मेरा लक्ष्य है मैं व्यक्ति को ही तेजस्वी बनाने का प्रयास करता हूं।
– स्वामी विवेकानंद बहुत उदार, बहुत व्यवहारिक, बहुत सुधारवादी थे। उन्होंने अपने समय में प्रचलित धारणाओं पर तर्क किए। समाज से रूबरू हुए और सर्वमान्य रास्ते बताये।
– उनकी आध्यात्मिकता विरक्ति की ओर नहीं ले जाती थी बल्कि समाधान तलाशती थी इसलिए वे क्रांतिकारी थे।
-मैंने भी अपने स्कूल-कॉलेज के दिनों में रामकृष्ण मिशन आश्रम में सेवा की और स्वामी जी के विचारों से जुड़ा, तो मुझे समाधान मिला। रायपुर से बस्तर तक रामकृष्ण मिशन की सेवाओं को मैंने नजदीक से देखा है।
– छत्तीसगढ़ में मिशन के संस्थापक स्वामी आत्मानंद को काम करते देखा है, उन्हें जाना-सुना और उनके माध्यम से स्वामी विवेकानंद और उनके गुरू स्वामी रामकृष्ण को जानने का मौका मिला। इन अवसरों ने मुझे तार्किक, वैज्ञानिक सोच दी। सभी धर्मों के सम्मान और मानवता की सेवा की प्रेरणा मिली।
– मेरा मानना है कि आप लोग जब स्वामी विवेकानंद का स्वामित्व गहराई से पढ़ेंगे तो आपका विवेक जागृत होगा। यह विवेक नफरत नहीं बल्कि प्यार का रास्ता दिखायेगा।

एंकर

– माननीय मुख्यमंत्री जी, हमारे बहुत से श्रोताओं ने एक बार फिर  शिक्षाकर्मियों के संविलियन को लेकर सवाल उठाए हैं। बागबाहरा  से नीरज तिवारी, मरवाही से प्रकाश कुमार, सरायपाली से रश्मि पटेल, महासमुंद से देवराज पाणिग्रही, वैशाली रिखी, रायगढ़ से सूरज प्रधान, मुकेश निर्मलकर, कुसुम देवांगन, जांजगीर से योगेश बनर्जी, खरसिया से संजय राठौर, भरत लाल गुप्ता, मुंगेली से मुकेश कुमार बंजारे, रायगढ़ से ज्योति राज पाण्डा, रायगढ़ से लिंगराज चौधरी, पुसउ, कमलेश कुमार साहू, महासमुंद से धीरज तिवारी, राजिम से लखेन्द्रदत्त साहू सहित कई साथियों ने जानना चाहा है कि शिक्षाकर्मियों, शिक्षामितान और व्याख्याताओं की भर्ती की क्या स्थिति है ?

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

– जिन शिक्षाकर्मियों का 8 वर्ष पूरा हो रहा है, उनका नियमितीकरण आदेश क्रमशः निकाला जा रहा है।
– ऐसे लगभग 7 हजार शिक्षाकर्मियों के नियमितीकरण का आदेश इस माह निकाल दिया जाएगा।
– शिक्षामितान या अतिथि शिक्षकों के 1885 पद स्वीकृत किए गये हैं।
– अतिथि शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती का अधिकार स्थानीय स्तर पर दिया गया है। मेरे ख्याल से इसमें कोई अड़चन नहीं है।
– लगभग 15 हजार व्याख्याताओं की भर्ती की प्रक्रिया पूर्णता की ओर है अभी सत्यापन का कार्य किया जा रहा है।
– जब से हमारी सरकार बनी है तबसे लगातार कोई न कोई चुनाव और आचार संहिता के कारण लंबी प्रक्रिया वाले कार्य पूर्ण होने में दिक्कत हुई लेकिन अब ऐसी सभी कार्यों में तेजी आएगी। आदिवासी अंचलों में कनिष्ठ चयन बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया है ताकि इन अंचलों के युवाओं को स्थानीय स्तर पर शासकीय सेवा में लिया जा सके।
– विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों में युवाओं को सीधी भर्ती का लाभ दिया जा रहा है।
– हम सिर्फ सरकारी दफतरों में ही नही बल्कि नई उद्योग नीति के माध्यम से उद्योगों में, आर्थिक राहतों के माध्यम से व्यापार में भी युवाओं को नए-नए अवसर दे रहे हैं।

एंकर

– माननीय मुख्यमंत्री जी, 12 जनवरी से यानी कि आज से तीन दिनों तक छत्तीसगढ़ शासन द्वारा युवा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसके पीछे क्या सोच है ?

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

– सबसे पहले तो यह कहते हुए मैं बहुत गर्व का अनुभव करता हूं और आप लोग भी इस गौरव को अपनी नसों में महसूस करेंगे कि स्वामी विवेकानंद का छत्तीसगढ़ से एक अनोखा रिश्ता है।
– स्वामी जी अपने पिता के साथ किशोरावस्था में छत्तीसगढ़ आए थे और लगभग 2 वर्ष यहां रूके थे। स्वामी जी के जीवन में किसी एक स्थान पर रूकने का यह सबसे लंबा समय था।
– वे जिस भवन में रूके थे, उसे स्मारक बनाने का निर्णय हमारी सरकार ने लिया है और इस दिशा में ‘‘डे-भवन’’ के अधिग्रहण हेतु प्रक्रिया भी आगे बढ़ाई जा चुकी है।
– जहां तक स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस के अवसर पर युवा दिवस के साथ 3 दिवसीय युवा उत्सव के आयोजन का सवाल है तो इस संबंध में मैं थोड़ा विस्तार से बात करना चाहता हूं।
– युवाओं को लेकर पूरी दुनिया में एक अलग तरह की धारणा है।
– यह माना जाता है कि स्कूल की पढ़ाई पूरी होने के बाद बच्चे नौकरी या कामधंधे में लग जाएं।
– परिवार और समाज युवाओं को ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने वाली मशीन के रूप में ही देखता आया है।
– लेकिन हमारा मानना है कि समाज, प्रदेश, देश और दुनिया को एक ऐसा दूत चाहिए जो बेहतर तथा जीने लायक समाज की रचना में मुख्य भूमिका निभाये।
– यह तभी संभव है जब सही उम्र में जब युवाओं में अपनी माटी, अपनी संस्कृति, विभिन्न कलाओं, में गहरी अभिरूचि पैदा की जाए।
– किताबों और वाचनालयों में डूबे युवा साथी का नजरिया संकुचित हो सकता है, उसे अपने पास-पड़ोस से जुड़ना और अपने सरोकारों को समझना भी बहुत जरूरी है।
– हमनें प्रदेश में उच्च शिक्षा को रूचिकर और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए कदम उठाए हैं।
– बरसों से लंबित सहायक प्राध्यापकों की भर्ती शुरू की है जिससे लगभग 1400 युवाओं को सम्मानजनक रोजगार मिलेगा।
– बालोद में कन्या महाविद्यालय, दंतेवाड़ा, कोंडगांव, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, महासमुंद और कोरबा में मॉडल डिग्री कॉलेज, ग्राम मर्रा जिला दुर्ग और ग्राम साजा जिला बेमेतरा में कृषि महाविद्यालय खोले जा रहे हैं।
– 14 नये फॉर्मेसी कॉलेज खोले गए हैं।
– ट्रिपल आईटी नवा रायपुर में देश का पहला ‘‘डाटा साइंस तथा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पाठ्क्रम’’ शुरू किया गया है।
– उच्च स्तरीय खेल प्रशिक्षण के लिए छत्तीसगढ़ खेल प्राधिकरण का गठन किया जा रहा है।
– हमनें सीएसआर का पैसा, युवा प्रतिभाओं को निखारने में लगाने का निर्णय लिया है।
– इसके तहत् उद्योगों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे संस्थाओं का विकास करें, कोच का इंतजाम करे साथ ही स्टेडियम की व्यवस्था में भी सहयोग करें।
– मैं कहना चाहता हंू कि स्वामी विवेकानंद की विधा अलग थी लेकिन वे भी ऐसी ही तरूणाई के प्रतीक थे।
– स्वामी जी कहते थे कि ‘‘एक नहीं, अनेक विवेकानंद चाहिए।’’
– वे कहते थे कि-युवाओं को धर्म स्थलों में नहीं बल्कि, खेतों और मैदानों में होना चाहिए।
– उन्होंने एक बार कहा था कि युवा कौशल जब फुटबाल के मैदान में दिखता है तब वह तन-मन-आत्मा सबसे एकाकार हो जाता है।
– अर्थात् वे युवाओं को प्रचलित रूढ़िवादिताओं से दूर रखकर अपने गुणों का विकास करते देखना चाहते थे ताकि वो अपने समाज से समरस हो सके अपने सामाजिक सरोकारों की प्रति जागरूक हो सके।
– उठो, जागो और तब तक नहीं रूको जब तक लक्ष्य प्राप्त नही हो जाए। यह आह्वान युवाओं में सकारात्मक लगाव और लक्ष्यों के प्रति जूनून पैदा करने का आह्वान था।
– मुझे यह कहते हुए खुशी होता है कि कई पीढ़ियां इस आह्वान को आत्मसात करके तर गई।
– हमारी नई पीढ़ी भी इस अमरवाणी को आत्मसात करे और स्वामी विवेकानंद के सपनों का भारत बनाने में अपना योगदान दे। इसके लिए हमने ‘‘युवा-उत्सव’’ को व्यापक बनाया।
– 15 अक्टूबर को इसकी शुरूआत विकास खंड स्तर पर हुई थी।
– 25 विधाओं में प्रतियोगिताएं हुई और अब राज्य स्तर पर युवा उत्सव का आयोजन 12 से 14 जनवरी तक किया जा रहा है।
– मेरा मानना है कि यह छत्तीसगढ़ की तरूणाई, युवाओं की शक्ति, युवाओं की प्रतिभाओं का अद्भुत रंगारंग प्रदर्शन होगा।
– 6 हजार से अधिक प्रतिभागी इसमें शामिल होंगे जो लाखों युवाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे।
– जो प्रतिभागी रायपुर में हैं, उनके परिजनों, मित्रजनों का भी मैं अभिनंदन करता हूं। मैं आप लोगों से कहना चाहता हूं कि आपका बेटा या बेटी, जिस कार्य से रायपुर आए हैं वह नई पीढ़ी को संस्कारित करने का कार्य है। आपने, अपने बेटे और बेटियों को यहां भेजा इसलिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
– मेरा मानना है कि यह एक तरह का सांस्कृतिक, वैचारिक-विनिमय है जो युवाओं की सोच का दायरा बढ़ायेगा। युवाओं को जाति-धर्म-संप्रदाय-क्षेत्र से ऊपर उठकर एक-दूसरे को समझने का अवसर देगा और हमारे प्रदेश की सबसे बड़ी विशेषता आपसी भाई-चारे को बढ़ाने में मदद करेगा।

एंकर

– माननीय मुख्यमंत्री जी, आपकी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

– हमनें इसे ‘‘सेवा और जतन का एक साल’’ कहा है।
– इन चार शब्दों में बहुत सारी बातें समा जाती है। आज पहले साल के पड़ाव पर मुझे यह कहते हुए संतोष है कि हम प्रदेश के ग्रामीणों, किसानों और अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति तथा अन्य कमजोर तबकों को राज्य के विकास के साथ जोड़ने में सफल हुए हैं। शिक्षा से रोजगार तक, युवाओं को सर्वांगीण विकास के अवसर देने से लेकर सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाने तक हर उपाय हमने किया।
– चौतरफा प्रयासों के कारण ही विश्वव्यापी मंदी का असर हमारे जन-जीवन को तनिक भी नही छू पाया, बल्कि इस दौर में  विकास के नए प्रतिमान स्थापित हुए।
– चाहे वह बेरोजगारी दर घटाने का विषय हो, ग्रामीण समृद्धि की  ताकत से बाजारों का विश्वास जीतने का विषय हो, बीमारियों और कुपोषण से सीधी जंग का ऐलान हो या नए जमाने की जरूरतों के लिए नई तालीम की शुरूआत हो।
– सेहत के बुनियादी सवालों से उबरने के रास्ते निकालते हुए हमने 20 लाख रूपए तक के निःशुल्क उपचार की योजना बना ली है, ताकि धनाभाव किसी भी नागरिक की बेबसी का सबब न बन पाए और सबको यह विश्वास रहे कि उनकी हर जरूरत के पीछे एक लोकहितकारी सरकार मजबूती से खड़ी है।
– महिलाओं का सम्मान हो या संस्कृति का उत्थान, हर मोर्चे पर विकास के छत्तीसगढ़ी मॉडल का रंग चढ़ा है।
– बीता एक साल तत्कालिक रूप से राहत देने के बड़े-बड़े कामों के लिए याद किया जायेगा तो नए साल में हम राज्य को अनेक बड़ी     स्थायी योजनाएं और अधोसंरचना देने जा रहे हैं जिसके लिए एक  बड़ी कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
– प्रदेश में सिंचाई क्षमता के विकास के लिए समन्वित प्रयास करने हेतु हमने छत्तीसगढ़ सिंचाई विकास प्राधिकरण का गठन किया है     तो सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भी ठोस पहल की जा रही है।
– औद्योगिक विकास के लिए हमारा पैमाना अलग है। हम चाहते हैं कि अपने संसाधनों और उपजों का वैल्यू-एडिशन हो। इसके लिए नई उद्योग नीति में फूड-प्रोसेसिंग यूनिट को बढ़ावा देने जैसे प्रावधान हैं ताकि बड़े पैमाने पर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर स्थानीय स्तर पर प्राप्त हों।
– हमारा उद्देश्य जीबीपी के आंकड़ों में विकास का ग्राफ बनाना नहीं बल्कि मानव विकास और इसके लिए गुणवत्तापूर्ण सेवा की व्यवस्था करना है।
– मेरा मानना है कि एक साल में जो ठोस बुनियाद रखी गई है उस पर हम समृद्ध और खुशहाल छत्तीसगढ़ बनाएंगे।
– जय हिंद, जय छत्तीसगढ़।

एंकर

– अब लोकवाणी का आगामी प्रसारण 9 फरवरी, 2020 को होगा। विषय होगा ‘बाल-मन और तनाव’ इस विषय पर हमारे श्रोता अपने विचार 23, 24 एवं 25 जनवरी, 2020 के बीच रख सकेंगे। पहले की तरह ही आप फोन नम्बर 0771-2430501, 2430502, 2430503 पर अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन करके अपने सवाल रिकार्ड करा सकते हैं।

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