स्वस्थ रहने के लिए दिनचर्या में स्वच्छता को संस्कार बनाने की जरूरत : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि स्वस्थ रहने के लिए बीमारियों से बचाव के साथ स्वास्थ्य संबंधी जानकारी होना बहुत जरूरी है। स्वच्छता को संस्कार के रूप में हमें अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। सुव्यवस्थित दिनचर्या, साफ-सुथरा वातावरण, संतुलित आहार स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है। तन के स्वास्थ्य के साथ-साथ मन का स्वस्थ रहना भी जरूरी है। इसके लिए अपनी वाणी संयम पर भी ध्यान देना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहां रायपुर मेडिकल कॉलेज के सभागार में ’कायाकल्प: स्वच्छ अस्पताल योजना’ के तहत आयोजित राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होेंने कायाकल्प स्वच्छ अस्पताल योजना के तहत विभिन्न श्रेणियों में चयनित अस्पतालों को पुरस्कृत किया।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस समारोह में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी.एस. सिंहदेव, लोकसभा सांसद सुनील सोनी, विधायक सत्यनारायण शर्मा, कुलदीप जुनेजा, विकास उपाध्याय, महापौर प्रमोद दुबे, स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बनसोड़, संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. प्रियंका शुक्ला सहित स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक, अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वर्ष 2023 तक टी.बी. मुक्त छत्तीसगढ़ संकल्प पुस्तिका का विमोचन किया। कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एन.क्यू.ए.एस. (राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक) प्रमाण-पत्र हासिल करने वाले देश के 50 जिला अस्पतालों में छत्तीसगढ़ के 4 अस्पताल जिला चिकित्सालय रायपुर, कोरबा, जशपुर और कांकेर शामिल हैं। एन.क्यू.ए.एस. के तहत कोरबा जिले के करतला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और कांकेर जिले के चारामा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को भी चयनित किया गया है। समारोह में मुख्यमंत्री ने इन्हें भी प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया।

ख्यमंत्री ने समारोह में पुरस्कृत सभी चिकित्सालयों, डाक्टरों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मितानिनों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि ईश्वर के बाद सबसे बड़ा स्थान माता-पिता और डाक्टरों का होता है। बीमार व्यक्ति को स्वस्थ करने में डाक्टरों, नर्सो और स्वास्थ्य विभाग के अमले का बड़ा योगदान रहता है। आज रहन-सहन, खान-पान, आरामदेह जीवन शैली और बढ़ते प्रदूषण के कारण नई-नई बीमारियां सामने आ रही हैं, मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और डाक्टरों संख्या काफी कम है। ऐसे में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में कार्यरत चिकित्सकों और अमले के लिए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना काफी चुनौतीपूर्ण है। सेवा के क्षेत्र में कार्य कर रहे ये लोग वास्तव में सम्मान के अधिकारी हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि आज हमें इन लोगों को सम्मानित करने का मौका मिला। श्री बघेल ने कहा कि हम क्या खा रहे हैं और क्या बोल रहे हैं इसका गहरा संबंध हमारे तन और मन के स्वास्थ्य से होता है। आज स्वस्थ रहने के लिए बीमारियों से बचाव की जानकारी होना काफी आवश्यक है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने राज्य स्तरीय पुरस्कार समारोह में सम्मानित सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अब उनके सामने अपने स्थापित मानदंडो को भविष्य में भी बनाए रखने की जिम्मेदारी है। बीमारी से पहले उसकी रोकथाम जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के बजट में पहली बार स्वच्छता के लिए 12 करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उन्होंने अपने समर्पण और सेवाभाव से स्वास्थ्य विभाग का मान-सम्मान बढ़ाया है।

स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह ने बताया कि कायाकल्प योजना -स्वच्छ अस्पताल योजना शासकीय अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में स्वच्छता, संक्रमण नियंत्रण एवं साफ-सफाई को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2015 से प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत लोक स्वास्थ्य संस्थाओं में गुणवत्ता को बढ़ावा देने और मानकों के अनुरुप सेवाएं देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। योजना में अस्पतालों को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर क्वालिटी सर्टिफिकेट प्रदान किए जाते हैं। योजना के तहत अस्पतालों को 6 मानकों जिसमें अस्पताल का रख-रखाव, साफ-सफाई, वेस्ट-प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, सपोर्ट सुविधाएं, हायजीन प्रमोशन पर खरा उतरना पड़ता है।

राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में जिला चिकित्सालय श्रेणी में जिला चिकित्सालय कोरबा को प्रथम पुरस्कार के रूप में 50 लाख रुपए का चेक, प्रमाण-पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसी श्रेणी में जिला अस्पताल बलौदाबाजार को द्वितीय पुरस्कार के रूप में 20 लाख रुपए और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता इस वर्ष भी बनाए रखने के लिए जिला अस्पताल जशपुर को कंसिस्टेंसी के लिए 5 लाख रूपए का पुरस्कार प्रदान किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र श्रेणी में कोरबा जिले के करतला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को प्रथम पुरस्कार के रूप में 15 लाख रूपए, कांकेर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चारामा को द्वितीय पुरस्कार के रूप में 10 लाख रूपए और कंसिस्टेंसी श्रेणी में बलौदाबाजार जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पलारी को 3 लाख रूपए का पुरस्कार प्रदान किया गया।

शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की श्रेणी में सरगुजा जिले के अम्बिकापुर स्थित नवापारा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को प्रथम पुरस्कार के रूप में 2 लाख रूपए, रायपुर के भाठागांव शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को द्वितीय पुरस्कार के रूप में डेढ़ लाख रूपए और कंसिस्टेंसी श्रेणी में बिलासपुर के गांधी चौक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को एक लाख रूपए का पुरस्कार प्रदान किया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र श्रेणी में कोरिया जिले के खड़गवां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को 2 लाख रूपए का प्रथम पुरस्कार, बीजापुर जिले के कुटरू प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और कोरबा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तुमान को संयुक्त रूप से 2 लाख रूपए का द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया। समारोह में स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले डाक्टरों, स्वास्थ्य संयोजिका, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मितानिनों सहित विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को भी पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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